गांधी अच्छे या बुरे ?गाली देने से पहले या अच्छा कहनेसे पहले सोचे
गांधीजी की हत्या के समर्थन में 3झुठे कारण बताए जाते है बंटवारा, पाकिस्तान और 55करोर
पर हत्याके प्रयास तब किये गए जब बंटवारा, पाकिस्तान, 55करोर या दुसरी कोई कारणोंका नामोनिशान 🚋भी नही था
★ 1-पहला प्रयास -25 जून1934 को किया गया। हरिजन यात्रामे शामील होने के लिए गांधी पूना में आए थे वे एक सभा को सम्बोधित करने के लिए जा रहे थे, तब उनकी मोटर पर 💣बम फेंका गया था। गांधीजी पीछे वाली 🚕मोटर में थे, इसलिए बच गये। हत्या का यह प्रयास हिन्दुत्ववादियों👹 के एक गुटने गांधीजी की अस्पृश्यतानिवारण आंदोलन को समाप्त करने के लिए किया था।
★ 2- जुलाई 1944 में पंचगनी ,
मलेरिया की वजहसे गांधीजीको डॉ.ने आराम करने को कहा था पूना से 20 युवकों का एक गुट बस लेकर पंचगनी पहुंचा। दिनभर वे गांधी-विरोधी नारे लगाते रहे। इस गुट के नेता नाथूराम गोडसे को गांधीजी ने बात करने के लिए बुलाया। मगर नथूरामने गांधीजीसे मिलनेके लिए इन्कार कर दिया। शाम को प्रार्थना सभामें नाथूराम हाथमें छुरा लेकर गांधीजी की तरफ लपका। पूना के सूरती-लॉज के मालिक मणिशंकर पुरोहित और भीलारे गुरुजी नाम के युवक ने नाथूराम को पकड लिया।
भिलारे गुरुजी आज भी जिंदा है
.★3-सप्तंबर1944 ला बापू जीनाको मिलने जारहे थे तब हत्या का प्रयास डीवायएसपीकी सतर्कताले फंसा.
★4-29जून 1946 को बापू मुंबईसे पुना ट्रेनसे आ रहे थे ऊस वक्त नेरळ-कर्जत के बीच रेल मार्गपे बडे बडे पत्थर रख दिए गए थे
30जुन 1946को गांधीजीने प्रार्थनासभामें कहा
"ईश्वरकी कृपासे मै मौत से 7वी बार बच गया.
मैने किसीका कभी किसीका नुकसान किया ना मै किसी को अपना दुश्मन मानता हु फिर भी मुझपे ईतने हमले क्यों हुए ये मुझे समझमें नही आता.कल मुझपे हुआ हमला फंसा मै ईतने जल्दी मरनेवाला नही |मुझे 125साल जीना है "
ईसके तुरंत बाद नथुरामने कहा था कि
"पर आपको ईतने दिन जीने देगा कौन? "
★5-20जनवरी 1948
दिल्ली की प्रार्थना सभामें मदनलाल पाहवाने बम फेका
★6- अंतमे 30 जानेवारी 1948 को श्याम को 5.17बजे बापू प्रार्थनाको जाते वक्त नथुरामनें गांधीजीकी त्यांची🔫 हत्या कर दी
जो लोग असत्य तथा अर्धसत्य का सहारा लेते हैं क्या उनको प्रामाणिक और बहादुर कहा जा सकता है? ये लोग प्रामाणिक, बहादुर और देशभक्त नहीं थे। काले-कारनामे करने वालों, झूठ फैलाने वालों, गन्दी शरारतें करने वालों तथा प्रार्थना करते हुए निःशस्त्र व्यक्ति की हत्या करने वालों को प्रामाणिक, बहादुर, देशप्रेमी तो हरगिज नहीं कहा जा सकता। झूठगफरेब और षड्यंत्र साम्प्रदायिकता की राजनीति के अनिवार्य अंग हैं। देशप्रेम की चादर ओढे, हमारे आसपास घूमनेवाले, इन विकृत-कुण्ठित-मानस के षड्यंत्रकारियों को हमें अच्छी तरह पहचान लेना चाहिए।
बहुत सारे लोक अपना अनुमान फिल्म,कुछ भडकाऊ किताबे , सुनी सुनी बाते Whatsapp , FB, social media, या अन्य कहीसे लगाते है पर मेरी बिनती है कि दोनो से पढे
अहिंसा या हिंसा दोनो प्रकारसे लढनेवाले लोग गांधीजीको ही प्रेरक मानते थे
ये भी याद रखे कि सुभाषचंद्र बोसनेही गांधीजी को राष्ट्रपिता कहके पुकारा था अहिंसा या हिंसा दोनो को माननेवालोके नेता गांधीही थे क्योंकि जब हैदराबाद मे निजामके विरुध्द आंदोलन हुआ तो वहा बम फेकनेवाला भी "महात्मा गांधी की जय"ही बोल रहा था पर जो सशस्त्र या अहिंसक किसी आंदोलनमें सहभाग नही ले रहे थे ऊन निष्क्रिय लोगोने हिंसाके निरर्थक भाषण और ईर्ष्या फैलाने में धन्यता मानी वे लोग आज भी वही कर रहे है पर ईन्हे समझे परखे
आज भी ये कभी पटेल vs गांधीजी, भगतसिंग vs गांधी, बोस vs नेहरु ईस तरह के झुठे झगडे दिखानेका प्रयास करते है पर याद रखना ये चारो एक थे चारोके मनमें एकदुजेके प्रति सम्मान था| पटेलके आत्मचरित्रमे तो ऊन्होने गांधीजीको सबसे ऊँचा स्थान दिया है
अतः ऐसी अफवाओसे दुर रहे ये लिखनेका कारण यही कि ये जो कुछ हो रहा है वह बुरे लोगोके कर्मोसे जादा कुछ अच्छे लोगोके ignorance से हो रहा है
मै कोई गांधीवादी नही हु पर किसी के तेज Writing या भाषणोसे ऊस great बंदे को मुर्ख समजनेवाला मै नही
लेखन दोनो ओरसे पढा वह गोडसेके 55कोटीँचे बळी,मै नथुराम बोल रहा हु ,ऊस foreign लेखक की GANDHI NAKED AMBITION किताब, सावरकरकी गांधी आलोचना की कई किताबेे पढी
पर ऊसके साथही अच्छे लेखकोंका सच्चा लेखन भी पढा है जैसे जगण फडणीस, मुंशी प्रेमचंद, अल्बर्ट आईनस्टाईन, George Bernard shaw, दलाई लामा , मार्टिन ल्युथर किंग, क्रांतीकारी नाना पाटील, सुभाषचंद्र बोस, राजेंद्रप्रसाद और सरदार पटेल की गांधीपे लिखी हुई अच्छी किताबे भी पढी
अतः धर्म,जात-पात, वर्ग ईन अफवाओमें ना फसे
याद रखना सरहदपें जवान तिरंगे के लिए लढ रहे है किसी लाल ,हरे या निले झंडे के लिए नाही
अतः एक रहे आपसंमें ना झगडे
जयहिंद
संकेत मुनोत
https://m.facebook.com/mahatmagandhipeace
ईच्छा है तो इस मैसेज को आगे बढाए 🇮🇳जयहिंद 🇮🇳
No comments:
Post a Comment